गंजेपन का इलाज
उम्र बढ़ने के साथ- साथ अपने बालों को गिरने से कोई भी व्यक्ति हमेशा नहीं रोक सकते हैं पर गंजेपन का इलाज और उपचार के माध्यम से इस पूरे प्रोसिजर को धीमा कर सकते हैं।
इससे पहले कि आप किसी काम से बाहर जाएं और बालों के देखभाल के लिए कोई विशेष टॉनिक खरीदतें हैं जोकि कि गंजेपन को रोकने का दावा करता हो तो उससे पहले कुछ बातें जरूर जान लें और यह भी जाने कि क्या बातें गंजेपन का इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
मेल पैटर्न हेयर फॉल, जिसे एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया भी कहा जाता है वह आनुवांशिक कारणों की वजह से होता है। यह 50 वर्ष से अधिक आयु के लगभग आधे से अधिक पुरूषों को होता है।
आपके मन में सवाल उठता होगा कि क्या गंजेपन का इलाज है तो आइए गंजेपन के इलाज के लिए कुछ इलाज बताएं गए हैं जिनके बारे में आप अपने डॉक्टर से बात कर सकते हैं और उसके बाद इनका उपयोग कर सकते है:
प्रिस्क्रिप्शन और ओटीसी दवाएं
एफडीए ने मेल पैटर्न गंजेपन के इलाज के लिए दो दवाओं को मंजूरी दी है:
मिनोक्सिडिल (रोगाइन): रोगाइन दवाई लिक्विड या फोम के रूप में उपलब्ध है। बालों को उगाने और गंजेपन को रोकने के लिए इसे दिन में दो बार स्कैल्प पर लगाने की सलाह दी जाती है।
Finasteride (Propecia, Proscar): यह एक ऐसी गोली है जिसे आपको रोजाना लेना होता हैं। यह केवल आपके डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन पर ही मिल सकती है।
इन दोनों दवाओं का इस्तेमाल करने और उसका रिज़ल्ट मिलने में लगभग 1 साल तक समय लग सकता है। पूरा लाभ तभी होगा जब आप एक साल तक प्रतिदिन इस दवाई का सेवन करेंगें या डॉक्टर के बताए अनुसार लेंगे।
बाल का प्रत्यारोपण
गंजेपन के इलाज में सबसे आम और लोकप्रिय हेयर ट्रांसप्लांट प्रक्रियाएं हैं फॉलिक्युलर यूनिट ट्रांसप्लांटेशन और फॉलिक्युलर यूनिट एक्सट्रैक्शन:
कूपिक इकाई प्रत्यारोपण (FUT)
FUT अधिक आसान विधि है। इसमें मरीज के सिर के पीछे से कुछ स्किन के हिस्से को निकाला जाता है जहां बालों की संख्या बहुत अधिक होती है। स्किन की की उस पट्टी से रोम को हटा दिया जाता है, और फिर बालों के रोम को सिर के उस हिस्से में डाल दिया जाता है जहां गंजापन अधिक होता हैं।
एफयूई
FUE में, बालों के रोम को सीधे ही सिर से हटा दिया जाता है और सिर के गंजे हिस्सों में बालों को प्रत्यारोपित किया जाता है।
ध्यान रखें कि हेयर ट्रांसप्लांट को एक सर्जरी की तरह मानकर गंभीरता से लिया जाना चाहिए और यह बहुत अधिक महंगा और दर्द देने वाला जो सकता है।
सर्जरी करवाने से संक्रमण और गंजेपन के निशान सहित कुछ जोखिम भी होते हैं। ठीक रिजल्ट पाने के लिए आपको कई हेयर ट्रांसप्लांट इलाज करने की भी जरूरत हो सकती है।
लेजर से उपचार
गंजेपन का इलाज करते समय माना जाता है कि लेज़र तकनीकी भी बेहद प्रभावी है। लेजर से किया गया इलाज रोम में सूजन को कम करता है और सूजन को फिर से बढ़ने से रोकता है।
गंजेपन के इलाज में इस तरह से इलाज को लेकर अभी और अध्ययन की जरूरत है, लेकिन 2016 में किए गए एक अध्ययन से ये पर चला कि मेल पैटर्न हेयरफॉल के इलाज के लिए लेजर थेरेपी (एलएलएलटी) पूरी तरह सुरक्षित और प्रभावी है। पर इसमें अभी और अध्ययन की जरूरत है।
जीवनशैली में बदलाव
धूम्रपान छोड़ना
अगर आप अपने इस सवाल का जवाब ढूंढ रहें कि क्या गंजेपन का ईलाज है तो आपको बता दें कि गंजेपन का इलाज करवाते समय धूम्रपान करना छोड़ना होगा। यदि आप धूम्रपान करने वाले हैं या करते है, तो आपने शायद अपने फेफड़ों पर धूम्रपान के नुक़सान के बारे में जरूर सुना होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि धूम्रपान गंजापन का भी कारण बन सकता है और इसकी वजह चेहरे पर झुर्रिया आ सकती हैं और बाल समय से पहले सफेद हो सकते हैं।
रिसर्च से पता चला है कि है कि धूम्रपान और बालों के झड़ना किसी न किसी तरह जुड़ा हुआ होता है इसलिए गंजेपन को रोकने के लिए जितनी जल्दी हो सके धूम्रपान को छोड़ना बहुत अच्छा हो सकता है।
सिर की मालिश
मालिश से न केवल बहुत अच्छा महसूस होता है, बल्कि वे आपके बालों के झड़ने को रोकने में भी मदद कर सकती हैं क्याेंकि सिर की मालिश करने से बालों के रोम सक्रिय हो जाते हैं।
एक अध्ययन में पता चला है कि कई पुरुष जिन्होंने 24 सप्ताह तक हर दिन 4 मिनट अपने सिर की मालिश की थी उनके बाल बाद ने घने हो गए थे।
संतुलित आहार का सेवन
संतुलित आहार का सेवन आपके बालों की सेहत को अच्छी तरह रख सकता है। अपने आहार में विभिन्न प्रकार की सब्जियां, फल, साबुत अनाज और प्रोटीन को जरूर शामिल करें और साथ है मिठाई का सेवन बहुत कम कर दें।
भोजन में पाए जाने वाले कुछ विटामिन और मिनरल बालों को स्वस्थ रखते हैं।
नीचे बताए गए सब्जियों को अपने भोजन में जरूर शामिल करें –
- लीन बीफ, बीन्स, हरी पत्तेदार सब्जियां, आयरन से भरपूर अनाज और अंडे को जरूर खाएं।
- ओमेगा -3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे सैल्मन, मैकेरल, टूना, फ्लैक्स सीड्स, अंडे की जर्दी और अखरोट को भी खाने में शामिल करें।
- अधिक प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थ जैसे अंडे, लीन मीट और सी फूड
- पानी अधिक से अधिक पीने की कोशिश करें।
जल्दी चेकअप करवाएं
जेनेटिक कारणों के अलावा कई बिमारियां हैं जिनके वजह से गंजापन हो सकता है। उन बिमारियों का इलाज करके अपने गंजेपन को आप दूर कर सकते हैं।
निम्नलिखित बिमारियों की वजह से गंजापन हो सकता है:
- मधुमेह
- लाइकेन प्लानस
- सारकॉइडोसिस
- सिर का सोरायसिस (सिर में
- खरोंच के कारण)
- एलोपेशिया एरियाटा
- थायराइड के कारण
- खाने के खराब होने के कारण (खराब पोषण के कारण)
- आयरन की कमी से एनीमिया
- बाल खींचने की बीमारी, जिसे ट्रिकोटिलोमेनिया के रूप में जाना जाता है
- सीलिएक रोग
अगर आप इन बिमारियों का सामना कर रहें हैं तो अपने डॉक्टर से जरूर मिलें और जरूरी इलाज करवाएं। जैसे जैसे बीमारी ठीक होगी वैसे ही गंजापन भी ठीक होगा।
तनाव को कम करें
तनाव सच में आपके बालों सहित शरीर पर बुरा प्रभाव छोड़ सकता है और गंजापन भी एक तनावपूर्ण जिंदगी के कारण हो सकता है।
तनाव कम करने की रणनीतियों में शामिल हैं:
- रोजाना व्यायाम करना
- संगीत सुनना
- योगा करना
- चिंतन करना
- पर्याप्त नींद लेना
तेल का सेवन
कई अध्ययन हैं जो बताते हैं कि पेपरमिंट ऑयल बालों के विकास में मदद करता है। रोज़मेरी के तेल का उपयोग सिर में खून के प्रसार को बढाने का काम करता है जिससे बाल स्वस्थ रहते है।
2013 में चूहों पर किए गए एक के एक अध्ययन में पाया गया कि मेंहदी के पत्तों के अर्क ने चूहों के बालों के विकास में सुधार किया।
नारियल का तेल, अरंडी का तेल और जैतून का तेल भी डॉक्टर इस्तेमाल करने को बोलते है, लेकिन बालों के विकास में ये कितना योगदान देते हैं अभी इस बात पैर रिसर्च करना बाकि है।
बायोटिन
बायोटिन एक ऐसा विटामिन है जो प्राकृतिक रूप से खाद्य पदार्थों में पाया जाता है जैसे:
- स्वीट पोटैटो
- अंडे
- प्याज
- जई में
कई शोधों में पता चला है कि बायोटीन खाने से गंजे पन के इलाज में लाभ हो सकता है पर ये शोध अधिकतर महिलाओं में किए गए है।
हिबिस्कुस
उम्मीद है कि आपको इस सवाल का जवाब मिल गया होगा कि क्या गंजेपन का इलाज है। आपको बता दें कि बालों के विकास के लिए हिबिस्कस रोसा-सिनेंसिस का इस्तेमाल भारत में बहुत अधिक किया जाता है। चूहों पर किए गए शोध में पता चलता है कि इसने बालों के रोम पर सकारात्मक रिजल्ट दिया है, लेकिन मनुष्यों पर अभी तक इसका कोई अध्ययन नहीं किया गया है।