समय बीतने के साथ साथ प्लास्टिक सर्जरी लोकप्रिय होती जा रही है। सिर्फ संयुक्त राज्य अमेरिका में लगभग 18 मिलियन प्लास्टिक सर्जरी हर साल की जाती हैं। प्लास्टिक सर्जरी का मुख्य काम शरीर के बनावट को बदलना होता है।
प्लास्टिक सर्जरी शुरुआत में महिलाओं द्वारा बहुत अधिक पसंद की गई है पर अब वह पुरूषों में भी उसी रूप में प्रचलित है जैसी महिलाओं के बीच प्रसिद्ध है। प्लास्टिक सर्जरी का इस्तेमाल पुरुष भी बहुत अधिक मात्रा में करने लगे हैं।
आइए जानते हैं कि प्लास्टिक सर्जरी में क्या होता है और किन अलग अलग तरह से सम्भव है।
प्लास्टिक सर्जरी की विभिन्न किस्में
प्लास्टिक सर्जरी को दो मुख्य भागों में बांटा जा सकता है: कॉस्मेटिक सर्जरी और रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी। कॉस्मेटिक सर्जरी जहां सुंदरता को बढ़ाने पर ध्यान देती है तो वहीं रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी का मुख्य काम चोट, बीमारी या जन्म के समय की विभिन्न समस्यायों को ठीक करना और उसे एक अच्छा रूप देना होता है। आइए कुछ बेहद ही लोकप्रिय किस्मों के बारे में जानते हैं:
1. लिपोसेक्शन
लिपोसक्शन एक सर्जिकल प्रोसीजर होता है जिसे शरीर के अलग अलग एरिया में फैट को कम करने, उसे शेप देने के लिए डिज़ाइन किया जाता है। लिपोसक्शन के मुख्यतः दो तरीके के हैं:
ट्यूमसेंट लिपोसक्शन: यह सबसे लोकप्रिय तरीका होता है, जिसमें सलाइन सॉल्यूशन, ब्लड वेसल्स को कम करने वाली दवाएँ और साथ ही एनेस्थेटिक्स को इलाज किए वाले एरिया में लगाया जाता है। फिर लिक्विड फैट को कैनुला का इस्तेमाल करके हटा दिया जाता है।
अल्ट्रासाउंड-असिस्टेड लिपोसक्शन (UAL): यह तरीका फैट को हटाने से पहले उसे लिक्विड करने के लिए अल्ट्रासोनिक एनर्जी का इस्तेमाल किया जाता है। इफेक्टिव होने के बावजूद भी इसमें बाहरी और शरीर के अंदर जलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसमें सामान्य तौर पर ट्यूमसेंट लिपोसक्शन से अधिक समय भी लगता है।
लिपोसक्शन जैसी प्लास्टिक सर्जरी से रिकवरी व्यक्ति पर अधिक निर्भर करती है, लेकिन मरीज आमतौर पर 1-2 सप्ताह के भीतर सामान्य कामों को शुरू कर सकता है।
2. ब्रेस्ट को बढ़ाने के लिए सर्जरी
ब्रेस्ट को बड़ा करने, उसका शेप बदलने या फिर ब्रेस्ट के आकार को बराबर करने के लिए ब्रेस्ट सर्जरी की जाती है। कई महिलाओं के शरीर में ब्रेस्ट का विकास सामान्य रूप में नहीं हो पाता है या फिर प्रेग्नेंसी के बाद होने वाले बदलाव के कारण इस प्रोसीजर का चुनाव करते हैं। जबकि सिलिकॉन के ट्रांसप्लांट के स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के कारण यह किसी समय बहस का भी विषय थे पर समय के साथ उनकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। 2018 में लगभग 12% महिलाओं ने सिलिकॉन ट्रांसप्लांट का चुनाव किया है।
सर्जरी के बाद, सामान्य कामों को फिर से शुरू करने से पहले 1-2 सप्ताह की रिकवरी अवधि की सलाह दी जाती रही है।
3. ब्लेफेरोप्लास्टी (पलकों की सर्जरी)
ब्लेफेरोप्लास्टी आंखों की पलकों को फिर से नया शेप देने का काम करती है और साथ ही यह अक्सर कई तरह के कॉस्मेटिक कारणों की वजह से या फिर स्किन के लटकने से देखने में हो रही समस्या को ठीक करने के लिए भी इस सर्जरी का इस्तेमाल किया जाता है। एक्स्ट्रा स्किन और फैट को हटाकर, रोगी अधिक युवा रूप प्राप्त कर सकते हैं और उम्र बढ़ने के संकेतों को कम कर सकते हैं। अधिकांश लोग 10-14 दिनों के भीतर काम पर लौट आते हैं, हालांकि सूजन कम होने में अधिक समय लग सकता है।
टमी टक या एब्डोमिनोप्लास्टी में एक्स्ट्रा स्किन को हटाना और साथ ही पेट की मांसपेशियों को कम करना शामिल है। यह सर्जरी उन लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय है जिनकी स्किन वजन घटाने या फिर गर्भावस्था के कारण ढीली सी हो गई है। टमी टक से ठीक होने में आम तौर पर 2-3 हफ्ते लगते हैं, हालांकि अधिक काम करने और पुराने तरीके से जीवन जीने में थोड़ा अधिक समय लगता है।
सर्जरी के प्रोसीजर में आने वाल खर्च
भारत में, प्लास्टिक सर्जरी में होने वाला खर्च, शहर के साथ साथ क्लिनिक के रेपुटेशन के कारण अलग-अलग होते है। साथ ही यहाँ प्लास्टिक सर्जरी प्रोसीजर की कीमतों का एक अनुमान नीचे दिया गया है:
1. लिपोसक्शन
खर्च: ₹65,000 – ₹1,50,000
सर्जरी के खर्च पर कई तरह से असर पड़ सकता है: इलाज किए गए एरिया की संख्या, लिपोसक्शन का कोई प्रकार (सामान्य, लेजर या अल्ट्रासोनिक), क्लिनिक की जगह।
2. ब्रेस्ट में बढ़ोतरी के लिए सर्जरी (प्रत्यारोपण)
खर्च: ₹1,00,000 – ₹3,50,000
सर्जरी के खर्च पर असर पड़ने के कई अन्य कारण हो सकते हैं जैसे कि : ट्रांसप्लांट का तरीका (सलाइन या सिलिकॉन), सर्जन के द्वारा काम करने काअनुभव, अस्पताल में रहने का समय।
3. राइनोप्लास्टी (नाक की सर्जरी)
खर्च: ₹50,000 – ₹2,50,000
सर्जरी के खर्च पर असर करने के लिए कई अन्य चीज़ें भी जिम्मेदार हैं जैसे प्रोसीजर के दौरान होने वाली समस्याएं चाहे।
4. ब्लेफेरोप्लास्टी (पलकों की सर्जरी)
खर्च : ₹30,000 – ₹1,50,000
खर्च पर असर पड़ने के कई अन्य कारण होते हैं जैसे कि ऊपरी व निचली या फिर दोनों पलकें हों, और साथ ही क्लिनिक की जगह।
5. एब्डोमिनोप्लास्टी (टमी टक)
खर्च: ₹1,50,000 – ₹3,00,000
खर्च में बदलाव कई वजहों से हो सकता है जैसे कि: एब्डोमिनोप्लास्टी का टाइप (मिनी या फुल), सर्जन की फीस, अस्पताल की कई अन्य सुविधाएँ।
खर्च: ₹1,00,000 – ₹3,00,000
खर्च में असर डालने वाले कारण है: ब्रेस्ट का साइज, किसी अन्य तरह के शेप में बदलाव ।
7. गाइनेकोमास्टिया सर्जरी (मेल ब्रेस्ट रिडक्शन)
खर्च: ₹50,000 – ₹1,50,000
इसके खर्च पर असर डालने वाले कारण है: गाइनेकोमास्टिया की गंभीरता, एनेस्थीसिया और साथ ही सर्जरी के बाद की जाने वाली देखभाल।
8. फेसलिफ्ट (राइटिडेक्टोमी)
खर्च: ₹1,00,000 – ₹3,50,000
खर्च में बदलाव हो सकता है। इसके कई कारण हो सकते हैं: फेसलिफ्ट का टाइप (मिनी या फुल), गर्दन लिफ्ट या पलकों की सर्जरी जैसे कई अन्य तरह का प्रोसीजर।
खर्च: ₹50,000 – ₹2,00,000
खर्च में कई वजहों से फर्क आ सकता है: ग्राफ्ट की संख्या, टेक्नीक (FUE या FUT), सर्जन का एक्सपीरियंस।
10. बोटॉक्स और फिलर्स
खर्च : ₹10,000 – ₹50,000 (इलाज किए जाने वाले एरिया के आधार पर)
इसके खर्च पर असर डालने वाले कई अन्य कारण भी हो सकते हैं: सेशन की विभिन्न संख्या, फिलर या बोटॉक्स का अलग अलग टाईप।
11. ब्रेस्ट लिफ्ट (मास्टोपेक्सी)
खर्च: ₹1,00,000 – ₹2,50,000
खर्च पर असर डालने वाले बेहद सारे कारण हो सकते हैं: ब्रेस्ट इम्प्लांट के साथ उसका बैलेंस, लिफ्ट की लिमिट।
भारत में प्लास्टिक सर्जरी की खर्च पर असर डालने वाले कारण हैं:
शहर/स्थान: मुंबई, दिल्ली या बैंगलोर जैसे मेट्रो वाले शहरों में छोटे शहरों की तुलना में खर्च कई बार बढ़ जाता है।
सर्जन का एक्सपीरियंस: बहुत ही एक्सपीरियंस या फेमस सर्जन अक्सर अधिक फीस लेते हैं।
प्रोसीजर के तरीके: सर्जरी के बाद कई तरह के कॉम्प्लिकेशन आने पर सर्जरी के दौरान खर्च अपने आप बढ़ जाएगा।
अस्पताल/क्लिनिक की रेपुटेशन : नई मशीनों और कई बेहतर सुविधाओं वाले क्लीनिक सामान्य तौर पर अधिक चार्ज करते हैं।
कॉस्मेटिक सर्जरी Vs रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी:
कॉस्मेटिक सर्जरी: इसका मुख्य काम नॉर्मलाइजेशन करना या उससे बेहतर बनाने का होता है (लिपोसक्शन, फेसलिफ्ट) और यह आमतौर इंश्योरेंस कंपनी द्वारा कवर नहीं किया जाता है।
रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी: इसमें चोट, बीमारी या फिर जन्म के समय हुई किसी समस्या के कारण होने वाली समस्याओं को ठीक करना शामिल है और साथ ही इसे आंशिक रूप से बीमा द्वारा भी कवर किया जा सकता है।
ऑपरेशन के बाद की देखभाल के साथ अन्य खर्च:
अस्पताल में रहने का खर्च: यह अस्पताल पर निर्भर करता है। सामान्य तौर पर यह प्रति दिन ₹5,000 – ₹20,000 रुपए तक हो सकता है।
दवाएँ और अन्य खर्च: इसमें शामिल खर्च अलग-अलग होते है लेकिन रिकवरी और अन्य कई तरह के देखभाल के लिए ₹10,000 – ₹50,000 तक का हो सकती है।
प्लास्टिक सर्जरी के कुछ और प्रकार
5. ब्रेस्ट रिडक्शन
ब्रेस्ट रिडक्शन सर्जरी एक बेहद सामान्य प्रोसीजर है, खास तौर पर यह उन महिलाओं के लिए होता जिनके ब्रेस्ट बहुत बड़े होते हैं। साथ ही यह पीठ दर्द को कम करने और कॉन्फिडेंस को बढ़ाने में भी मदद करती है। ब्रेस्ट रिडक्शन सर्जरी अक्सर इंश्योरेंस द्वारा कवर की जाती है और इसको करवाने के बाद आप लंबे समय तक राहत पा सकते है। इस सर्जरी के बाद मरीज 2 सप्ताह के भीतर ही सामान्य गतिविधियों को फिर से शुरू कर सकते हैं।
6. राइनोप्लास्टी (नाक की सर्जरी)
राइनोप्लास्टी सर्जरी नाक के शेप को बैलेंस करके उसकी सुंदरता को बढ़ाने का काम करती है। यह सर्जरी सुंदरता को बढ़ाने के लिए या फिर हेल्थ से जुड़ी समस्याओं के वजह से भी किया जाता है। इसके लिए सर्जरी के बाद कम से कम 10 दिनों के आराम की जरूरत होती है।
7. राइटिडेक्टोमी (फेसलिफ्ट)
फेसलिफ्ट का मुख्य काम उम्र के बढ़ने के साथ आने वाली झुर्रियों और साथ ही ढीली त्वचा को कम करना भी है। इस प्रोसिजर में ढीली हो चुकी स्किन को टाइट किया जाता है और अधिक इफेक्टिव बनाने के लिए ब्रो लिफ्ट या फिर पलक सर्जरी भी की जा सकती है। इसके ठीक होने में कई सप्ताह तक लग सकते हैं।
8. ब्रेस्ट लिफ्ट
ब्रेस्ट लिफ्ट से ढीले या फिर खराब दिखने वाले शेप के ब्रेस्ट को फिर से नया शेप दिया जाता है, जो कि अक्सर गर्भावस्था या फिर वजन कम होने के बाद ही होता है। इस सर्जरी से रिकवरी का समय आम तौर पर 2 सप्ताह होता है, पर पूरी तरह से ठीक होने में एक महीने तक का भी समय लग सकता है।
9. फॉरहेड लिफ्ट
फॉरेहड लिफ्ट झुर्रियों को कम करने का काम करती है और साथ ही भौंहों के आसपास की स्किन को टाइट करने का भी काम करती है जिससे भौंहों और पलकों का ढीलापन ठीक हो जाता है। यह प्रोसीजर रोगियों को अधिक युवा और साथ ही फ्रेश दिखने में भी मदद करती है। इस सर्जरी के बाद अधिकतर लोग 10 दिनों के भीतर काम पर लौट आते हैं, लेकिन पूरी तरह से ठीक होने में अधिक समय लग सकता है।
10. गाइनेकोमास्टिया सर्जरी
जिन पुरुषों में ब्रेस्ट टिश्यू अधिक मात्रा में होते है उसको गाइनेकोमास्टिया के रूप में भी जाना जाता है, वे इसे कम करने के लिए सर्जरी भी करवा सकते हैं। अधिकतर पुरुषों को परमानेंट रिजल्ट मिलते हैं। इस सर्जरी से शरीर पर कट के निशान बहुत ही कम होते है। इससे ठीक होने में लगभग एक हफ्ते का समय लग सकता है पर पूरी तरह से ठीक होने समय लगता है।
प्लास्टिक सर्जरी के क्या फायदे हैं?
दिखने में बेहतर होना: प्लास्टिक सर्जरी शरीर की बनावट को और अधिक सुंदर बनाने का काम करती है इससे कॉन्फिडेंस बढ़ जाता है और सेल्फ रिस्पेक्ट में भी बढ़ोतरी होती है।
स्वस्थ रखना: कुछ प्लास्टिक सर्जरी के प्रोसीजर न केवल सुंदरता बल्कि शरीर को स्वस्थ रखने का काम करती हैं। उदाहरण के लिए देखें तो:
- ब्रेस्ट रिडक्शन से पीठ और गर्दन का पुराना दर्द कम हो सकता है।
- राइनोप्लास्टी सर्जरी नाक को नया शेप देते हुए सांस लेने की क्रिया को भी बेहतर बना सकती है।
- टमी टक सर्जरी पोजीशन को ठीक कर सकता है और साथ ही पेट की कमज़ोर मांसपेशियों के कारण होने वाली समस्याओं को भी कम कर सकता है।
जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाना: प्लास्टिक सर्जरी के प्रयोग से कई तरह की शारीरिक समस्याओं (जैसे- पुरुषों में गाइनेकोमास्टिया, पलकों का झुकना) को दूर करके उन्हें अधिक आरामदायक और साथ ही सक्रिय जीवनशैली भी दे सकता है।
वजन को मैनेज करना और स्वास्थ्य देखभाल: वजन घटाने की सर्जरी के बाद लिपोसक्शन या फिर बॉडी कॉन्टूरिंग जैसे प्रोसीजर जमा फैट को हटाकर व्यक्तियों के स्वस्थ वजन को बनाए रखने में काफी अधिक मदद कर सकती हैं।
मनोवैज्ञानिक लाभ होना: कई लोगों के लिए, प्लास्टिक सर्जरी सामाजिक रूप से चिंता और साथ ही शरीर के शेप से होने वाली समस्याओं को दूर कर सकती है जिससे दूसरों के साथ अधिक पॉजिटिव महसूस कर सकते हैं।
सर्जरी के माध्यम से लंबे समय तक रिजल्ट: कई तरह के इलाज या प्रोसीजर लंबे समय तक का रिजल्ट प्रदान करती हैं जिससे भविष्य में समस्याएं कम हो जाती हैं।
काम करने से जुड़ी समस्याओं का खत्म होना: कुछ सर्जरी काम करने की समस्याओं को खत्म करने का काम करती हैं, जैसे कि ब्लेफेरोप्लास्टी (पलकों की सर्जरी) के माध्यम से विजन में सुधार करने या फिर वजन घटाने के बाद बॉडी लिफ्ट के बाद भी शारीरिक रूप में काम करने में आसानी होती है।
उम्र बढ़ने का असर कम करना: फेसलिफ्ट या फिर बोटॉक्स जैसे प्रोसीजर उम्र बढ़ने के बाद दिखाई देने वाले कई को धीमा करने में काफी अधिक मदद करती हैं, जिससे व्यक्ति लंबे समय तक युवा दिखते और साथ ही वैसा ही महसूस भी करते हैं।