इस आधुनिक समय में महिलाओं में बाल झड़ने की समस्या का होना एक बहुत ही आम समस्या है पर साथ ही देखा जाए तो महिलाओं में बाल झड़ने के सिर्फ़ एक नहीं बल्कि कई अलग अलग कारण हो सकते हैं। बीमारी से लेकर हार्मोनल बदलाव या फिर तनाव तक कुछ भी बाल झड़ने का कारण हो सकता है। महिलाओं में बाल झड़ने का कारण क्या है, यह पता लगाना हमेशा आसान नहीं होता, लेकिन फिर भी ऐसी कई तकनीकें हैं, जिनसे पता लगाया जा सकता है कि महिलाओं में बाल झड़ने का कारण क्या होता है।
बाल झड़ने के मुख्य लक्षण
महिलाओं में बाल झड़ने के अलग-अलग कारण हो सकते हैं और अलग-अलग कारणों से बाल झड़ने का तरीका भी अलग-अलग हो सकता है। समय के साथ बाल अचानक झड़ सकते हैं या धीरे-धीरे बाल पतले होकर झड़ सकते हैं। आपको बाल झड़ने के लक्षण और पैटर्न को ध्यान में रखना चाहिए। बाल झड़ने के कुछ लक्षणों में शामिल हैं:
1. बालों का पतला होना: सिर के ऊपर के बालों का धीरे-धीरे पतला होना सबसे आम पैटर्न है और यह बालों के झड़ने का सबसे आम लक्षण भी होता है। यह पुरुषों और महिलाओं दोनों पर अपना असर समान रूप से डालता है। इस समस्या के दौरान पुरुषों के बाल पतले होते हैं और महिलाओं के बाल अक्सर चौड़े हो जाते हैं।
2. सिर में गंजा स्थान का होना: सिर के ऊपरी हिस्से पर भी गोल आकार में बाल गायब हो सकते हैं या फिर धब्बेदार भी हो सकते हैं। वे आकार में सिक्के जैसे दिख सकते हैं और आमतौर पर यह स्कैल्प पर दिखाई देते हैं। बाल झड़ने से ठीक पहले आपको त्वचा में खुजली या दर्द भी महसूस हो सकता है।
3. बालों के गुच्छे में झड़ना: बाल झड़ना अचानक भी हो सकता है, और खासकर यह तब और भी अधिक हो सकता है जब आप भावनात्मक रूप से कमज़ोर महसूस कर रहे हों या फिर शरीर पर कहीं चोट लगी हो। जब भी आप अपने बाल धो रहे हों या फिर बालों में कंघी कर रहे हों, तो यह संभव है कि बाल बहुत तेज़ी से टूट जाएँ क्योंकि वे कमज़ोर हो गए होंगे।
4. बालों का पूरी तरह झड़ना: कई बीमारियों में बाल पूरी तरह से झड़ सकते हैं, जैसे कि कीमोथेरेपी करवाने के बाद सारे बाल झड़ जाते हैं और आप उन्हें गिरते हुए देख भी सकते हैं।
एलोपेसिया के 4 प्रकार
एलोपेसिया का सीधा सा मतलब होता है “बालों का झड़ना।” सामान्य तौर पर यह संक्रमण से नहीं फैलता है। यह आनुवंशिक समस्याओं या फिर देखभाल की कमी के कारण ही होता है और बालों के रोम को कमजोर करने का भी काम करता है। इसे आमतौर पर महिलाओं में बाल झड़ने के कारण के रूप में भी देखा जाता है। इसके 4 प्रकार होते हैं –
1. एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया: महिलाओं में बाल झड़ने की समस्या आनुवंशिक कारणों से ही होती है। यह महिलाओं में बाल झड़ने का मुख्य कारण भी बनता जा रहा है और यह आमतौर पर 12 से 40 वर्ष की आयु की महिलाओं में अधिक होता है। पुरुषों में गंजापन पीछे हटते बालों और गंजे धब्बों के रूप में भी देखा जाता है। महिलाओं में बाल झड़ना बालों के पतले होने के रूप में ही दिखाई देता है।
2. एलोपेसिया एरीटा: बाल झड़ने की समस्या अचानक होती है। इसमें सिर या फिर शरीर के बाल अचानक झड़ने से लगते हैं। इस दौरान सिर पर एक या एक से अधिक गोल पैच भी बनते हैं जो कि ओवरलैप हो भी सकते हैं और नहीं भी।
3. सिकाट्रिकियल एलोपेसिया: स्कारिंग एलोपेसिया, जिसे सिकाट्रिकियल एलोपेसिया के नाम से भी जाना जाता है, एक तरह का बाल झड़ना ही होता है जो कि बालों के रोम (त्वचा की सतह पर मौजूद शाफ्ट जिसके ज़रिए बाल उगते हैं) के मर जाने के कारण होता है। यह अक्सर कई तरह के संक्रमण, विषाक्त पदार्थों, जलन या फिर ऑटोइम्यून बीमारियों के कारण होता है। स्कारिंग एलोपेसिया स्थायी रूप से बालों के झड़ने का कारण बन सकता है क्योंकि बालों के विकास के लिए स्वस्थ बालों के रोम की जरूरत होती है।
4. ट्रामेटिक एलोपेसिया: हेयर स्टाइलिंग के कारण बाल झड़ते हैं। बालों को रंगने या फिर सीधा करने के लिए गर्म कंघी, ब्लो ड्रायर, स्ट्रेटनर या फिर कुछ रसायनों का उपयोग करने के बाद भी बाल टूट सकते हैं।
बालों के झड़ने की समस्या कई स्वास्थ्य कारणों से भी शुरू होती है जैसे कि हार्मोनल परिवर्तन या फिर थायरॉयड की समस्या; त्वचा पर दाद होना; या ऑटोइम्यून रोग जैसे कि सीलिएक रोग जिसमें शरीर खुद पर ही हमला करता है
निम्नलिखित स्वास्थ्य कारणों से भी बाल झड़ना एक समस्या हो सकती है –
•हाइपोथायरायडिज्म
•हॉजकिन रोग
•हाइपोपिट्यूटारिज्म
•हाशिमोटो रोग
•एडिसन रोग
•सीलिएक रोग
•लाइकन प्लेनस
•शिंगल्स
•ट्राइकोरहेक्सिस इनवेजिनटा
बाल झड़ने के कई अन्य कारण
सामान्य तौर पर देखा जाए तो महिलाओं में बाल झड़ने का कोई एक कारण नहीं होता है, बल्कि इसके कई अन्य कारण भी हो सकते हैं, इसलिए आपको इसके कई अन्य लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं।
•हाइपोथायरायडिज्म जोकि शरीर में थकान से लेकर वजन बढ़ने, मांसपेशियों की कमजोरी से लेकर जोड़ों में सूजन तक कुछ भी पैदा कर सकता है।
•दाद से सिर पर पपड़ीदार और बहुत भूरे या फिर लाल धब्बे भी हो सकते हैं।
•सीलिएक रोग से मुंह के छाले से लेकर सिरदर्द, त्वचा पर चकत्ते से लेकर एनीमिया तक कुछ भी हो सकता है।
•हॉजकिन रोग से रात में पसीना आना और लिम्फ नोड्स में सूजन जैसे लक्षण भी दिखाई पड़ सकते हैं।
इन बीमारियों का पता लगाने के लिए डॉक्टर बालों के झड़ने के अलावा आपके द्वारा अनुभव किए गए विभिन्न लक्षणों के बारे में भी पूछ सकते हैं। वह बॉडी टेस्ट, ब्लड टेस्ट या स्कैल्प बायोप्सी भी करवाने की सलाह दे सकते हैं।
सीलिएक रोग जैसी कुछ बीमारियाँ आनुवंशिक रूप में भी पाई जा सकती हैं। अगर आपके साथ भी ऐसा है, तो जब भी आप बालों के झड़ने के इलाज के लिए डॉक्टर से मिलें, तो इसका ज़िक्र आमतौर पर जरुर करें।
रजोनिवृत्ति और हार्मोनल असंतुलन
रजोनिवृत्ति भी महिलाओं में बालों के झड़ने का एक प्रमुख कारण बन सकती है। रजोनिवृत्ति के दौरान महिलाओं को बालों के झड़ने का अनुभव भी हो सकता है क्योंकि एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का उत्पादन काफी कम हो जाता है। इस बदलाव के कारण मासिक धर्म चक्र नियमित रूप से पूरा नहीं होता है। इस समय शुष्क त्वचा का होना, रात में पसीना आना, वजन बढ़ना और योनि में सूखापन जैसे कई तरह के लक्षण भी देखे जा सकते हैं। अतिरिक्त तनाव लेना भी बालों के झड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
तनाव के कारण बाल झड़ना
अगर आप मानसिक या फिर शारीरिक रूप से तनावग्रस्त हैं, तो फिर यह बालों के झड़ने का एक प्रमुख कारण बन सकता है। परिवार में किसी की मृत्यु, बड़ी सर्जरी से गुजरना या फिर किसी गंभीर बीमारी के लक्षण जैसी चीजें शरीर में बालों के प्रोडक्शन को बंद कर देती हैं। तनाव के कारण बाल झड़ना महिलाओं में बाल झड़ने का मुख्य कारण माना जा सकता है।
शरीर में अचानक बदलाव का होना
महिलाओं में बाल झड़ने के कारणों में टेलोजेन एफ्लुवियम (TE) भी शामिल है। सबसे पहले तो आप यह जान लें कि यह हमेशा के लिए नहीं होता है बल्कि यह तब होता है जब बालों के बढ़ने वाले रोम की संख्या में बदलाव होने लगता है। प्रसव या फिर किसी अन्य तनाव के बाद के महीनों में महिलाओं के बाल झड़ने की समस्या हो सकती है। आप कभी-कभी बालों के स्ट्रैंड को देखकर TE बालों के झड़ने की पहचान कर सकते हैं।
TE आमतौर पर कई अन्य चीजों के कारण हो सकता है जो कि आपके शरीर को बहुत अधिक प्रभावित करते हैं और इस प्रकार आपके बालों के जीवन चक्र को भी प्रभावित करते हैं-
•तेज़ बुखार
•गंभीर संक्रमण का होना
•दीर्घकालिक बीमारी का होना
•भावनात्मक रूप से तनाव महसूस करना
क्रैश डाइट, प्रोटीन की कमी, खाने की इच्छा न होना आदि भी कई कारण हो सकते हैं।
रेटिनोइड्स, बीटा ब्लॉकर्स, कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स, एंटीडिप्रेसेंट्स और नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAIDs) जैसी कुछ दवाएँ लेने से भी TE की समस्या हो सकती है। लेकिन इस तरह से बाल झड़ने से पूरी तरह गंजापन की समस्या नहीं होती है बल्कि समस्या के समाधान होने के साथ बाल वापस उग आते हैं।
मासिक धर्म के दौरान खून की कमी के कारण
महिलाओं में बाल झड़ने के कारण में आयरन की कमी भी हो सकती है। सामान्य तौर पर महिलाओं में पहले से ही आयरन की कमी का खतरा होता है, इसलिए आहार में पर्याप्त आयरन न लेने से आयरन की कमी भी हो सकती है और इससे भी बाल झड़ सकते हैं। फीमेल-पैटर्न गंजेपन और एलोपेसिया के कारण होने वाले बालों के झड़ने को रोकने के लिए कई दवाएँ उपलब्ध होती हैं, लेकिन परिणाम मिलने में महीनों या फिर कभी-कभी सालों भी लग सकते हैं।
महिलाओं में बाल झड़ने के कई कारण होते हैं, जिनमें हार्मोनल परिवर्तन, आनुवंशिक प्रवृत्तियाँ, स्वास्थ्य समस्याएँ, तनाव और हेयरस्टाइलिंग की आदतें जैसे पर्यावरणीय कारक भी शामिल हैं। लक्षणों को पहचानना और इसके कई अंतर्निहित कारणों को पहचानना, चाहे वे हाइपोथायरायडिज्म, ऑटोइम्यून बीमारियों या तनाव के कारण हों, सफल उपचार के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। एलोपेसिया के सटीक रूप की पहचान प्रभावी उपचार के लिए भी महत्वपूर्ण है।
जबकि कुछ प्रकार के बाल झड़ने अस्थायी और प्रतिवर्ती होते हैं, और अन्य को निरंतर उपचार और जीवनशैली में बदलाव की भी आवश्यकता हो सकती है। बालों के सर्वोत्तम स्वास्थ्य के लिए, यह अनुशंसा की जाती है कि आप गहन मूल्यांकन और साथ ही अनुरूप उपचार योजना के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।